शिक्षकों की समस्याओं को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग को दिए सुझाव, अवकाश व पदस्थापना को लेकर ACS से हुई बात
शिक्षकों की समस्याओं को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग को दिए सुझाव, अवकाश व पदस्थापना को लेकर ACS से हुई बात
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष, रघुवंश प्रसाद सिंह एवं महासचिव, शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के स्थानान्तरण, पदस्थापन, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति, अवकाश तालिका एवं लंबित समस्याओं पर एक जुलाई को अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के साथ हुए विचार-विमर्श के बाद गठित चार सदस्यीय समिति को बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के द्वारा लिखित सुझाव निदेशक, माध्यमिक शिक्षा एवं निदेशक, प्राथमिक शिक्षा को समर्पित किया गया।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने बताया कि सुझाव में कहा गया है कि लगभग 50 वर्षों से निदेशक, माध्यमिक शिक्षा के द्वारा ही विद्यालयों की अवकाश तालिका सुझाव एवं सहमति के आधार पर लागू की जाती रही है। पूर्व के दिनों में ज्ञापांक 2015/2892 दिनांक 13-12-2022 के द्वारा वर्ष 2024 के लिए लागू अवकाश तालिका अचानक बिना सहमति के छुट्टियों में कटौती कर शिक्षकोें, छात्रों एवं अभिभावकों के लिए परेशानी और लोक आस्था से जुडे़ पर्व-त्योहारों की कटौती तथा उनकी आस्था पर आघात से मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करने के बाद उसे स्थगित भी किया था।
कुल 60 दिनों के घोषित अवकाश की अचानक कटौती दिनांक 27-11-2023 को पत्रांक 2693 के द्वारा कर दी गई। ताज्जुब है कि रविवार को मिलाकर सात दिनों की छुट्टी को जोड़कर 53 दिनों की छुट्टी स्वीकृत की गई है। ग्रीष्मावकाश में भी शिक्षकों को कार्यरत रहना पड़ा, लेकिन शिक्षकों को उसमें कार्यरत रहने के कारण क्षतिपूर्ति अवकाश भी नहीं मिला है।
सिंह ने बताया है कि सुझाव में यह भी कहा गया है कि शिक्षकों की सेवा वेकेशनल है और अन्य सरकारी सेवकों की सेवा ननवेकेशनल है। इसलिए उन्हें 33 दिनों का अर्जितावकाश मिलता है और शिक्षकों को मात्र 14 दिनों का ही अर्जितावकाश देय है। इसलिए इन सभी उलझनों, समस्याओं का एकमात्र निदान के लिए 13 दिसम्बर 2022 को निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा अधिसूचित अवकाश तालिका 2024 की शेष अवधि के लिए भी वही अवकाश तालिका लागू की जाय। दिनांक 27-11-2023 को जारी की गई अवकाश तालिका को तत्कालिक प्रभाव से निरस्त करने का सुझाव दिया गया है।
इसी के आधार पर सावधिक परीक्षा पूर्व की भांति विद्यालयों को ही संचालित करने की जबावदेही पूर्ववत् दी जाय। इससे करोड़ों रुपये सरकारी राशि की वचत होगी। जहाँ तक सक्षमता परीक्षा उतीर्ण शिक्षकों के पदस्थापन की समस्या है, उसका एकमात्र समाधान है शिक्षकों को ऐच्च्छिक पदस्थापन किया जाय तथा उनकी वरीयता की गणना नियुक्ति तिथि से करते हुए प्रोन्नति का लाभ स्वीकृत करने की मांग की गयी। प्रोन्नति का प्रावधान 2020 की नियोजन नियमावली में है। इसी आधार पर परीक्षा मेंं उतीर्ण शिक्षकों का पदस्थापन एवं स्थगित सक्षमता परीक्षा की तिथि निर्धारित की जाय।
महिला तथा दिव्यांग शिक्षकों की पदस्थापना पर विशेष ध्यान देने का भी सुझाव दिया गया है। अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति यदि वे शिक्षक पात्रता उतीर्ण नहीं है तो भी लिपिक अथवा परिचारी के पद पर की जा सकती है। क्योंकि पूरे राज्य में वर्षों से लिपिक एवं परिचारी का पद रिक्त है एवं लिपिकीय कार्य में भी शिक्षकों की अनिवार्य व्यस्तता के कारण अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विधान मंडल मेंं घोषित विद्यालय संचालन के लिए समय-सारणी 10 बजे से 04 बजे और शनिवार को प्रातःकालीन निर्धारित किया जाय। इसी से मुख्यमंत्री एवं विधान मंडल में की गयी घोषणा की मर्यादा की रक्षा की जाय। महासचिव के साथ विचार विमर्श में तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह, कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य डॉ. संजीव कुमार सिंह एवं चन्द्रकिशोर कुमार भी उपस्थित थे।