के के पाठक का आदेश नही मानना राज्य के 500 हेडमास्टर साहब को पड़ा भारी , हुई करवाई
के के पाठक का आदेश नही मानना राज्य के 500 हेडमास्टर साहब को पड़ा भारी , हुई करवाई
विभाग के एसीएस केके पाठक के आदेश को हल्के में लेना सरकारी स्कूल के हेडमास्टरों को भारी पड़नेवाला है. विभागीय आदेश के उल्लंघन करने के आरोप में विभाग उनपर एक्शन की तैयारी में है.
अकेले गोपालगंज जिले में ही 577 हेडमास्टर निशाने पर आ गए हैं. उनके खिलाफ एक्शन की तैयारी शुरू हो गई है. दरअसल बच्चों को स्कूल बैग का बोझ कम करने के लिए विभाग ने ‘सुरक्षित शनिवार’ कार्यक्रम चला रखा है, लेकिन कई स्कूलों में यह कार्यक्रम लागू नहीं किया गया है. शनिवार को भी बच्चे किताब और बैग लेकर स्कूल आ रहे हैं. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने सभी हेडमास्टरों से शो-कॉज पूछा है. शिक्षा विभाग के पोर्टल पर मिले आंकड़ों के मुताबिक, गोपालगंज जिले में प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के कुल 1889 स्कूल हैं. इसमें से 1312 विद्यालयों में ‘सुरक्षित शनिवार’ का कार्यक्रम हुआ, लेकिन 577 स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित नहीं कराया गया है.
सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम नहीं कराना घोर लापरवाही
शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम को आयोजित नहीं कराना घोर लापरवाही मान रहा है. 577 स्कूल के हेडमास्टर ने सरकारी आदेश की अवहेलना की है. ऐसे में इन हेडमास्टरों से सष्टीकरण मांगा गया है. अगर संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है तो वेतन कटौती के साथ ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सकती है. सर्व शिक्षा अभियान के मीडिया संभाग के प्रभारी सुजय सिंह ने स्थानीय मीडिया को बताया कि विभाग के 577 स्कूल के प्रधानाध्यापक की ओर से आदेश की अवहेलना की गई है. ‘सुरक्षित शनिवार’ का कार्यक्रम नहीं करना घोर लापरवाही है. इन सभी प्रधानाध्यापकों की सूची जारी करते हुए सष्टीकरण मांगा गया है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वेतन कटौती करते हुए विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
क्या है सुरक्षित शनिवार?
बिहार के सरकारी स्कूलों में शनिवार को बैगलेस डे मनाया जाता है. उस दिन बच्चों को बिना किताब के स्कूल आना है. उस दिन प्रत्येक स्कूल में चयनित फोकल शिक्षक की ओर से बच्चों को समाज से जुड़ी हर जानकारी के बारे में बताया जाता है. जैसे आंधी, तूफान, बिजली, वर्षा, आग की घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है इसकी विस्तृत जानकारी दी जाती है. साथ ही बच्चों के सामने ऐसी घटना का रिक्रिएशन करके दिखाया भी जाता है. कार्यक्रम के बाद प्रधानाध्यापकों को जिला शिक्षा कार्यालय में रिपोर्ट देनी थी. जिला कार्यालय की ओर से समेकित रिपोर्ट ई-शिक्षा पोर्टल पर अपलोड करते हुए राज्य कार्यालय को प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का आदेश है. विभाग मुख्यालय की ओर से डीईओ को यह आदेश दिया गया है कि विद्यालयों में कार्यक्रम सुनिश्चित कराएं.