के के पाठक के नियमों की अनदेखी 26 प्रधानश्यपक को पड़ी भारी , उनके वेतन कटौती का आदेश जारी  - News TV Bihar

के के पाठक के नियमों की अनदेखी 26 प्रधानश्यपक को पड़ी भारी , उनके वेतन कटौती का आदेश जारी 

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के के पाठक के नियमों की अनदेखी 26 प्रधानश्यपक को पड़ी भारी , उनके वेतन कटौती का आदेश जारी 

 

26 Principal Salary Deducted: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (ACS kk pathak) ने जब से बिहार शिक्षा विभाग की बागडोर संभाली है, तब से शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच हड़कंप मची है.

एक बार फिर केके पाठक के आदेशानुसार कार्य पूरा नहीं करने पर जमुई के 26 प्रधानाचार्यों पर गाज गिर गई है. जमुई के 26 स्कूलों के प्रिंसिपल के एक दिन के वेतन काट लिए गए हैं.

केके पाठक के नियमों की हुई अनदेखी

दरअसल केके पाठक के बनाए नए नियम के मुताबिक रोजाना 6 बजे स्कूल की छुट्टी के बाद सभी स्कूल के प्रिंसिपल को उपस्थित शिक्षकों के साथ फोटो खींच कर नोटकैम के माध्यम से फोटो के कैप्शन में विद्यालय का नाम, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या (प्रधानाध्यापक सहित), बिना सूचना अनुपस्थिति शिक्षकों की संख्या अंकित करते हुए Whatsapp ग्रुप पर भेजना है, ऐसा नहीं करने पर प्रिंसिपल पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

जमुई जिला के +2 विद्यालय के कई प्रिंसिपल ने नोटकैम के माध्यम से शिक्षकों की फोटो और अन्य जानकारी ग्रुप पर नहीं भेजी, जिस कारण इनके एक दिन यानी 16.05.2024 का वेतन काटने का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी ने दिया है.

डीईओ ने पत्र के माध्यम से किया सूचित

भेजे गए पत्र में साफ लिखा है, ” नोटकैम के माध्यम से लिये गये फोटो के कैप्शन में विद्यालय का नाम, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या (प्रधानाध्यापक सहित), बिना सूचना अनुपस्थिति शिक्षकों की संख्या अंकित करते हुए Whatsapp ग्रुप +2 विद्यालय, (जिला-जमुई) पर पूर्वाह्न 06:10 तक अचूक रूप से भेजने का निर्देश दिया गया था, परंतु आपके द्वारा उक्त से संबंधित फोटो ग्रुप में नहीं भेजा गया. तत्काल आपका आज की तिथि (16.05.2024) का वेतन स्थगित किया जाता है”

केके पाठक के आदेशानुसार डीईओ के जरिए इन दिनों कई सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. कई शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के वेतन में तत्काल कटौती कर दी जाती है, जिससे शिक्षक काफी हताश और परेशान हैं. समय पर ड्यूटी पर नहीं पहुंचने या अन्य किसी शिक्षण कार्यों में बरती गई लापरवाही शिक्षकों को भारी पड़ जाती है. केके पाठक के कड़े नियम कानून से भले ही बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार आ रहा है, लेकिन समय-समय पर वेतन कटौती से शिक्षकों में नाराजगी भी व्याप्त है. साथ ही शिक्षक अपने कार्यों के लेकर अलर्ट मोड में भी नजर आने लगे हैं.

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