प्रातः 6 बजे से विद्यालय खोलने के शिक्षा विभाग के फैसले का अभिभावक संघ ने जताई नाराजगी , विद्यालय के समय में बदलाव करने की CM नीतीश कुमार से की मांग  - News TV Bihar

प्रातः 6 बजे से विद्यालय खोलने के शिक्षा विभाग के फैसले का अभिभावक संघ ने जताई नाराजगी , विद्यालय के समय में बदलाव करने की CM नीतीश कुमार से की मांग 

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प्रातः 6 बजे से विद्यालय खोलने के शिक्षा विभाग के फैसले का अभिभावक संघ ने जताई नाराजगी , विद्यालय के समय में बदलाव करने की CM नीतीश कुमार से की मांग 

 

शिक्षा विभाग के नए नये आदेश से परेशान सरकारी शिक्षकों को गुरुवार से एक अनोखे आदेश के बाद नई परेशानी से रूबरू होना पडेग. गर्मी की छुट्टियों में भी स्कुल आने को विवश हुए सरकारी स्कुल के शिक्षकों को अब सुबह छह बजे स्कुल पहुंचने का फरमान जारी किया गया.

शिक्षा विभाग के आदेश के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी किशनगंज ने 16 मई से स्कुलों को मार्निंग करने और मोर्निग स्कुल में शिक्षकों को सुबह छह बजे से 1.30 बजे तक रहने का फरमान जारी कर दिया है. हालांकि इस समय के दौरान सामान्य कक्षाए सुबह 6 बजे से शुरू होकर दोपहर 12 बजे तक चलेगी. इसके बाद दक्ष के तहत कक्षाएं होंगी. इस आदेश के बाद से शिक्षकों में रोष व्यापत है. पहले गर्मी की छुट्टी में स्कुल खोलने और अब मॉर्निंग किए जाने से शिक्षकों में काफी आक्रोश है. शिक्षक एवं शिक्षक नेताओं ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए वापस लेने की मांग की है. शिक्षकों का कहना है कि पहले तो हम लोगों से गर्मी की छुट्टी में काम कराया गया. अब 16 मई से विद्यालय सुबह 6:00 से करने का आदेश दिया गया है. जो कहीं से तर्कसंगत नहीं है. शिक्षकों का कहना है कि 12 बजे तक नियमित कक्षा के बाद दक्ष कक्षा की तरह विशेष क्लास संचालित करने का आदेश दिया गया है. 1:30 बजे हम लोगों की छुट्टी होगी, यह शिक्षा विभाग का मनमानी पूर्ण आदेश है. चिलचिलाती धूप में विद्यालय से कैसे घर जाएंगे स्टूडेंट्स बच्चों को सुबह 6:00 से 12:00 बजे तक विद्यालय में रहना है. 12:00 बजे जब स्कूलों में छुट्टी होगी तो बच्चे चिलचिलाती धूप में विद्यालय से कैसे घर जाएंगे.

दूसरी तरफ 1:30 बजे कड़ी धूप में शिक्षकों को विद्यालय से जाना है. सबसे बड़ी बात है कि शिक्षकों को सुबह 6:00 स्कूल पहुंच जाना है. आखिर शिक्षक कितने बजे घर से चलेंगे. महिला शिक्षिकाएं अपने घर का काम कब करेगी. नाम नहीं छापने की शर्त पर शिक्षकों ने बताया कि महिला शिक्षिकाओं को घरों में कई तरह के काम करने होते है. घर में बुजुर्गो का खाना बनाना होता है. बच्चो का टिपिन बनाना होता है. ऐसे आदेश के बाद जब स्कुल में छह बजे पहुंचना है तो बच्चों के लिए टिफिन कब बनेगा. आक्रोशित शिक्षक कहते है कि शिक्षा विभाग शिक्षा में सुधार करने के लिए काम नहीं कर रहा है, बल्कि शिक्षकों को परेशान करने के लिए काम कर रहा है. शिक्षकों को इस तरह के आदेश से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, यह घोर निंदनीय है. क्या है आदेश बताते चले कि शिक्षा विभाग के निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने एक आदेश जारी कर कहा है कि गर्मी के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े, इसको लेकर 16 मई से सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक और संस्कृत विद्यालय प्रातः कालीन ही चलेंगे. सभी विद्यालयों में सुबह 6:00 से 12:00 तक क्लास चलेंगे. इस बीच में 10:00 बजे से 10:30 बजे तक बच्चों को मध्यान भोजन दिया जाएगा.12:00 बजे तक नियमित कक्षा समाप्त होने

के बाद कमजोर बच्चों के लिए मिशन दक्ष की तर्ज पर विशेष कक्षा चलाया जाएगा. इस दौरान शिक्षक पढ़ाने के साथ-साथ होमवर्क, कॉपियां की जांच, साप्ताहिक मूल्यांकन कापियों की जांच, मासिक मूल्यांकन कॉपियों की जांच एवं पाठ टीका बनाएंगे. प्रधानाध्यापक अतिरिक्त छात्रों का नामांकन एवं प्रशासनिक कार्य करेंगे. 1:30 बजे होगी शिक्षक और कर्मियों की छुट्टी शिक्षक एवं कर्मियों को छुट्टी 1:30 बजे होगी. पत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश दिया गया है कि सभी विद्यालयों में बच्चों की 80 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे. इसी आदेश से शिक्षकों में काफी आक्रोश है. शिक्षकों का कहना है कि कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने बिहार के शिक्षा विभाग में भूचाल ला दिया है, किसी को यह उम्मीद नहीं थी. विद्यालय का संचालन सुबह 6 बजे 1:30 बजे तक होगा. इसको मॉर्निंग का नाम दिया, जबकि सुबह का समय किसी भी परिस्थिति में 12 बजे के बाद नहीं होता है. इस समय को प्रातः काल कहना किसी भी दृष्टिकोण से तर्क संगत नहीं है. आजादी के बाद बिहार में मॉर्निंग टाइम प्रथम बार दोपहर 1:30 बजे तक रखा गया है, यह समय भारत के किसी अन्य राज्यों में लागू नहीं है.

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