सभी टीचर हो जाए सावधान, अब भूलकर भी न करे ये काम, शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया आर्डर
सभी टीचर हो जाए सावधान, अब भूलकर भी न करे ये काम, शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया आर्डर
हाजिरी फर्जीवाड़ा का मामला उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में निगरानी बढ़ा दी है।
निदेशक प्राथमिक शिक्षा के आदेश के बाद जिले में शिक्षकों की ई-मोबाइल उपस्थिति की गहन जांच के लिए जिलास्तरीय ई-मोबाईल उपस्थिति अनुश्रवण कोषांग का गठन किया गया है।
इसमें चार अधिकारियों को जोड़ा गया है। जिसमें जिला शिक्षा कार्यालय के कार्यालय अधीक्षक राजेश कुमार पाण्डेय,सहायक कम्प्यूटर प्रोग्रामर अरुण कुमार अकेला,कार्यक्रम सहायक जितेन्द्र सिन्हा और कार्यपालक सहायक प्रकाश कुमार शामिल हैं।
शिक्षकों की उपस्थिति की निगरानी करेगा कोषांग
जिलास्तरीय ई-मोबाईल उपस्थिति अनुश्रवण कोषांग को जनवरी 2025 से सभी शिक्षकों की दैनिक उपस्थिति की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है।
किसी भी शिक्षक की उपस्थिति संदिग्ध पाई जाती है तो उसका डाटा सहित स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर संबंधित शिक्षक के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा एवं साक्षरता को दी गई है। बता दे कि मुंगेर जिले में ई-शिक्षा कोष ऐप पर हाजिरी फर्जीवाड़ा का मामला उजागर हुआ था।
विभाग ने उक्त आरोप की जांच ई-शिक्षाकोष सॉफ्टवेयर के तकनीकी विशेषज्ञों से कारायी। जांच खुलासा हुआ कि आरोपित शिक्षक अपना पासपोर्ट साईज का फोटो विद्यालय में रखते है और उनकी अनुपस्थिति में उसी फोटो को उनके सहकर्मी द्वारा स्कैन कर अपलोड कर दिया जाता है और उनकी फर्जी उपस्थिति बन जाती है।
ऐसा कृत्य संज्ञेय अपराध
विभाग ने कहा है कि यह कृत किसी भी कर्मी के लिए संज्ञेय अपराध है। इस प्रकार के अपराधिक प्रवृत्ति के शिक्षकों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही के साथ ही भारतीय न्याय संहिता के सुसंगत धाराओं में नियमानुसार कार्रवाई की जानी चाहिए।
सभी डीईओ को ई-मोबाईल उपस्थिति की गहनता से अनुश्रवण करने और ऐसे मामले सामने आने पर कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
