बिहार के हजारों संविदाकर्मियों के लिए सरकार ने की नई व्यवस्था, यह काम नहीं किया तो नहीं मिलेगी सैलरी
बिहार के हजारों संविदाकर्मियों के लिए सरकार ने की नई व्यवस्था, यह काम नहीं किया तो नहीं मिलेगी सैलरी
पंचायती राज विभाग के संविदा कर्मियों की अब बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी होगी. बिना कार्यालय गए ग्राम कचहरी सचिवों का मानदेय भुगतान नहीं होगा.
पंचायती राज विभाग का मानना है कि इस व्यवस्था से ग्राम कचहरियों में संविदा कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित होगी. जिससे गांव के लोगों का काम आसानी से होगा. पंचायती राज विभाग द्वारा बायोमेट्रिक मशीन का बी बैस सॉफ्टवेयर से एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) से लिंक कराया जा रहा है. इससे हाजिरी बनते ही सीधे सॉफ्टवेयर पर अपलोड होगा. नया सिस्टम लागू हो जाने से अधिकारी भी संविदा कर्मियों को बिना बायोमेट्रिक हाजिरी बनाए मानदेय नहीं दिला सकेंगे. सिर्फ वैसी स्थिति में ही बिना बायोमेट्रिक हाजिरी बनाए मानदेय का भुगतान होगा, जब कर्मी प्रशिक्षण या अन्य किसी अनिवार्य कार्य से कार्यालय नहीं आ सके.
दरअसल, पंचायती राज विभाग को शिकायत मिल रही थी कि संविदा कर्मी कार्यालय में नहीं रहते हैं, समय से नहीं जाते हैं. अब बायोमेट्रिक हाजिरी के कारण कार्यालय में उनकी उपस्थिति रहेगी. विभाग के निदेशक आनंद शर्मा ने बताया कि विभाग के संविदा कर्मियों के लिए मई से बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्यकी जा रही है.
इस व्यवस्था से गांवों के लोगों का संबंधित कर्मचारियों के माध्यम से काम आसानी से होगा. बायोमेट्रिक हाजिरी का ट्रायल इस माह के अंत तक पूरा हो जाएगा. पंचायती राज विभाग में लगभग 12 हजार संविदा कर्मी हैं. इसमें लगभग 7500 कर्मी ग्राम पंचायत सचिव हैं. संविदाकर्मियों में न्याय मित्र, तकनीकी सहायक, लेखापाल सह आईटी सहायक, आरटीपीएस कार्यालय के कार्यालय सहायक, प्रखंड कार्यपालक हैं.
