विशिष्ट, BPSC, व नियोजित शिक्षकों के बकाया सहित मार्च 2025 का वेतन अभिलम्ब भुगतान करने का शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के DEO, DPO स्थापना को दिया निर्देश, 72 घंटा मे हर हाल मे शिक्षकों के वेतन भुगतान का जारी हुआ आदेश
विशिष्ट, BPSC, व नियोजित शिक्षकों के बकाया सहित मार्च 2025 का वेतन अभिलम्ब भुगतान करने का शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के DEO, DPO स्थापना को दिया निर्देश, 72 घंटा मे हर हाल मे शिक्षकों के वेतन भुगतान का जारी हुआ आदेश
बिहार के सभी शिक्षक ध्यान दें! बकाए वेतन को लेकर शिक्षा विभाग से आई बड़ी खुशखबरी
बिहार में शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग से एक अच्छी खबर आई है. प्रदेश के सरकारी विद्यालयों के सभी कोटि के शिक्षकों को जल्द सैलरी के साथ बकाया वेतन भी मिलने वाला है.
इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को एक सप्ताह का समय दिया गया है. इस अवधि में सभी शिक्षकों को वेतन भुगतान कर दिया जाएगा.
जारी किए गए पत्र में क्या कुछ कहा गया?
दरअसल बीते गुरुवार (10 अप्रैल, 2025) को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र के जरिए निर्देश जारी किया गया. विभाग के उप सचिव अमित कुमार पुष्पक के हस्ताक्षर से जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 अंतर्गत जिलों में कार्यरत सभी प्रकार के शिक्षकों के मार्च सहित बकाए वेतन का भुगतान नियमानुसार एक सप्ताह में करना सुनिश्चित करें. इसकी प्रतिलिपि शिक्षा विभाग को सूचनार्थ प्रेषित करें.
निर्देश के बाद शिक्षकों की बढ़ी उम्मीद
शिक्षा विभाग के इस निर्देश से यह तय हो गया है कि मार्च 2025 तक का वेतन तो मिलेगा ही साथ ही शिक्षकों को बकाया वेतन भी मिल जाएगा. इस निर्देश के बाद बकाए वेतन का इंतजार कर रहे शिक्षकों में उम्मीद बढ़ गई है. शिक्षकों को थोड़ी राहत जरूर मिली है. बकाए वेतन के भुगतान के बाद खुशी और दोगुनी हो जाएगी.
32 हजार शिक्षक तीन माह से कर रहे वेतन का इंतजार
आपको बता दें कि सक्षमता परीक्षा पास कर ‘नियोजित’ से ‘विशिष्ट’ बनने वाले ऐसे करीब 32 हजार शिक्षक हैं जिन्हें तीन माह से वेतन नहीं मिला है. तीन महीने से वो इंतजार कर रहे हैं. इनमें ऐसे विशिष्ट शिक्षक तो हैं ही जिनके प्रान (PRAN) नंबर जेनेरेट नहीं हुए हैं, ऐसे विशिष्ट शिक्षक भी हैं जिनके प्रान नंबर जेनेरेट हो चुके हैं. वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है. कुछ शिक्षकों का कहना है कि वो जैसे-तैसे घर चला रहे हैं. समय से वेतन मिलने से परेशानी कम होती है.
