स्कूल में फोन चलाना पड़ा महंगा,स्पष्टीकरण के जवाब देने के बावजूद हुई सख्त कार्रवाई..

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स्कूल में फोन चलाना पड़ा महंगा,स्पष्टीकरण के जवाब देने के बावजूद हुई सख्त कार्रवाई..

 

बिहार के उत्क्रमित उच्च विद्यालय अहिरौलिया में दो शिक्षकों, राजीव विश्वास और राजेश कुमार, को विद्यालय समय में खेल मैदान में बैठकर मोबाइल देखने के कारण सस्पेंशन का सामना करना पड़ा।

बीईओ उपेंद्र कुमार सिंह ने दोनों शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा और वेतन रोकने का आदेश दिया। निरीक्षण के दौरान बीईओ ने शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य में व्यस्त पाया, जो विभागीय निर्देशों का उल्लंघन था। इस घटना के बाद से अन्य शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।

दूसरी घटना में, बिहार के विभिन्न जिलों में शिक्षक की नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले पिता-पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कमलदेव नारायण सिंह ने आरोप लगाया कि रमाकांत शर्मा और उनके पुत्र शशि शेखर ने 50 से अधिक लोगों से एक करोड़ रुपये की ठगी की। इन दोनों पर किंजर थाने में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है, और पुलिस गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।

पहली घटना ने शिक्षा विभाग में अनुशासन के महत्व को रेखांकित किया है। दूसरी घटना ने शिक्षा क्षेत्र में नौकरी पाने की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों को सतर्क किया है। दोनों घटनाएं शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाती हैं।

पहली घटना ने शिक्षा विभाग में अनुशासन के महत्व को रेखांकित किया है। दूसरी घटना ने शिक्षा क्षेत्र में नौकरी पाने की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों को सतर्क किया है। दोनों घटनाएं शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाती हैं।

बिहार में शिक्षा विभाग से जुड़ी ये दो घटनाएं शिक्षक अनुशासन और भर्ती प्रक्रिया की चुनौतियों को उजागर करती हैं। विभाग को न केवल शिक्षकों की अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई करनी होगी, बल्कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

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